मैं इसके योग्य हूं:


जब इब्राहिम बिन अधम (भगवान उन्हे शांति प्रदान करे) ने अपना राज् पाट छोड़ दिया, और एक बगीचे में काम करने लगे तो एक दिन एक सैनिक आया। उसने कुछ फल माँगे। उन्होंने कहा कि मैं कर्मचारी हूं इसलिए मुझे फल देने का अधिकार नहीं है।

सिपाही ने गुस्से से उन्हे कोड़े मारे। उसने अपना सिर आगे किया और कहा

" اضرب رأسا ظالما عصی اللہ

"अज़रब रस ज़ालिमा असी अल्लाह)

इस सिर पर मारो, इसने अल्लाह की बहुत अवज्ञा की है।) यदि आपने संकेत दिया होता कि आप कौन हैं तो सैनिक की किया मजाल?" पर , वे खुद को इससे भी ज्यादा मारे जाने के लायक समझते थे।


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