हज़रत जाबिर का घर और 1,000 मेहमान


हज़रत जाबिर रजी अल्लाहु अन्हू ने हुजूर (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के पवित्र पेट पर पत्तर बंधा हुआ देखा, तो घर आकर अपनी पत्नी से कहा, क्या घर में कुछ है ताकि हम पवित्र पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के लिए कुछ बना सकें और उन्हें खिला सकें? बीवी ने कहा कि थोड़ा सा जौ है और एक बकरी का बच्चा है इसे जबह कर लेते हैं। आप पवित्र पैगंबर को बुला लाएं, मगर वहां एक बड़ी सेना है, अतः पवित्र पैगंबर से गुप्त रूप से दस से कम लोगों को लाने के लिए कहें, हज़रत जाबिर ने कहा कि मैं बकरी के बच्चे को जबह करता हूं, तुम इसे पकाओ और मैं पवित्र पैगंबर को बुलाता हंु, हजरत जाबिर अल्लाह के रसुल की खिदमत में हाजिर हुए और प्रार्थना की कि मेरे घर चलें और अपने साथ दस आदमी से कुछ कम बुला लें। हुजुर ने पुरी सेना का आमंत्रण दे दी और कहा, मेरे साथ आओ, उन्होंने अपना मुबारक थूक आटा में और हंडिया में डाला और फिर रोटी और हंडिया पकाने का आदेश दिया। यह पैगंबर की लार की बरकत थी कि थोड़ा सा खाना जिसे एक हजार लोगों ने खाया, मगर न रोटी कम हुई न सालन। (मिशकात शरीफ पृ024)

https://youtu.be/a1bmiu-bYtI


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